अरबी फारसी मदरसा बोर्ड राज्य में अरबी फारसी विद्यालयों को मान्यता प्रदान करने तथा परीक्षा पर नियंत्रण करने के निमित्त पहले ही स्थापित किया जा चुका है । अरबी फारसी मदरसा बोर्ड का निरीक्षण रजिस्ट्रार के रूप में भी कार्य करता है । तहतानिया, फ़ौक़ानिया तथा उच्च श्रेणी के मदरसे निदेशालय स्तर पर मान्यता प्राप्त करते हैं परंतु वर्तमान समय में यह व्यवस्था परिवर्तित हो चुकी है तथा फ़ौक़ानिया स्तर के मदरसे ज़िला स्तर पर ही मान्यता प्राप्त कर सकते हैं । प्रदेश में वर्तमान में मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या 1285 है ।
कुछ अरबी फ़ारसी मदरसों को समय समय पर मदरसे के शिक्षकों/अन्य कर्मचारियों के वेतन हेतु अनुदान सहायता प्रदान की जाती है । वर्तमान में 358 अरबी फ़ारसी मदरसों को अनुदान सहायता दी जा रही है । शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत पद को अनुदान सहायता प्रदान की जाएगी यह सब वर्ष 1995-96 से पूर्व के विषय में था तथा यह गैर-सरकारी, वित्त पोषित अरबी फ़ारसी मदरसों हेतु लागू था । वर्ष 1995-96 में 15 पदों को अनुदान सहायता हेतु स्वीकृत किया गया जिसमें एक प्रधानाचार्य, एक लिपिक, एक अनुसेवक, आलिया के चार शिक्षक, फ़ौक़ानिया के तीन शिक्षक तथा तहतानिया के पाँच शिक्षक शामिल हैं । वित्त वर्ष 2003-2004 में इस मद में दिये गए 4483.00 लाख रूपए ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा व्यय किए गए तथा इसी मद में वित्त वर्ष 2004-2005 में 4653.63 लाख रूपए व्यय किए गए । वित्त वर्ष 2005-2006 में इसी मद में 5056 लाख रूपए व्यय होने का अनुमान है । वित्त वर्ष 2005-2006 में 67 मान्यता प्राप्त मदरसों को सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाएगी तथा इस हेतु 730.86 लाख रूपए की धनराशि का प्रबंध किया जाएगा । इसी मद हेतु वर्ष 2006-07 में 815.48 लाख रूपए व्यय किए जाएंगे ।
वित्त वर्ष 2005-2006 में 140 आलिया स्तर के मदरसों को 2 कंप्यूटर प्रति मदरसा दिये जाएंगे तथा इस हेतु 154.00 लाख रूपए व्यय किए जाएंगे । यह विद्यार्थियों को निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से किया गया है । वित्त वर्ष 2006-2007 में 50 मदरसों का चयन कंप्यूटर शिक्षा देने हेतु किया जाएगा तथा इस पर 51.68 लाख रूपए व्यय किए जाएंगे ।
इस योजना का प्रारम्भ वर्ष 1993 में मदरसों के सेवानिवृत्त शिक्षकों/कर्मचारियों को पेंशन/ग्रेच्युटी प्रदान करने हेतु किया गया था । यह मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए लागू होगा । मदरसों की कार्यप्रणाली शिक्षा विभाग से हस्तांतरित होकर अल्पसंख्यक विभाग को दी गई है अत: पेंशन दिये जाने की प्रक्रिया भी 06-01-1998 से बदल गई है । इस प्रक्रिया में 30-10-1999 तक कुछ संशोधन किए गए तथा कुछ समस्याओं के चलते वित्त वर्ष 2004-2005 में इस मद में 18.44 लाख रूपए व्यय किए गए । यह अनुमानित है कि वर्ष 2005-2006 में इस मद हेतु 20.00 लाख तथा वित्त वर्ष 2006-2007 में रूपए 10 लाख व्यय किए जाएंगे।