अरबी-फ़ारसी मदरसों के पर्यवेक्षण व प्रशासन हेतु प्रयागराज जनपद में एक निबंधक कार्यालय शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्थापित था । परंतु मदरसों की कार्यवाही वर्ष 1997-98 से अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के हाथों में स्थानांतरित हो जाने के कारण अब यह प्रयागराज से लखनऊ स्थानांतरित हो गया है ।इस कार्यालय में निबंधक के अतिरिक्त वरिष्ठ सहायक अधिकारी का एक पद, वरिष्ठ लिपिक हेतु 3 पद, लिपिक हेतु 1 पद व चपरासी के 4 पद हैं । अनुदेशक यहाँ निबंधक के रूप में कार्य करता है । बोर्ड का मुख्य कार्य मदरसों को मान्यता प्रदान करना है । आलिया स्तर की परीक्षाएँ पूर्ण कराना भी इस बोर्ड का कार्य है । बोर्ड फ़ारसी भाषा के "मुंशी" तथा अरबी भाषा के "मौलवी' (हाई-स्कूल स्तर) नियुक्त करता है, "आलिम" (कक्षा 12 के स्तर), "फ़ाज़िल" (स्नातक स्तर) फ़ारसी भाषा हेतु (दसवीं के स्तर ) के तथा "कामिल" की परीक्षाएँ आयोजित करना भी बोर्ड के कार्यों में सम्मिलित है ।
सत्र 2005 की परीक्षा मई मास में आयोजित की गयी तथा इसके परिणाम घोषित किए जा चुके हैं । अंक-पत्र तथा प्रमाणपत्र ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा वितरित किए जा चुके हैं । सत्र 2006 की परीक्षाएँ आयोजित की जाएंगी ।
"कामिल" तथा "फ़ाज़िल" को क्रमश: स्नातक व परास्नातक की मान्यता प्रदान करने हेतु, विशिष्ट दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं । यह मनन अभी प्रभावी है । राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को इस आशय का अनुरोध प्रेषित किया जा चुका है । अरबी – फ़ारसी बोर्ड के निबंधक द्वारा "कामिल" और "फ़ाज़िल" की परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं ।
अरबी-फ़ारसी परीक्षाओं के निबंधक द्वारा अरबी-फ़ारसी मदरसों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है । ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपंजीकृत अरबी-फ़ारसी मदरसों को मान्यता प्रदान करता है । प्रदेश सरकार एक समिति की नियुक्ति करती है जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक द्वारा की जाती है । अरबी फ़ारसी मदरसों को मान्यता प्रमाण पत्र अरबी फ़ारसी परीक्षाओं के निबंधक द्वारा प्रदान किया जाता है । ज़िला प्रशासन ने "तहतानिया' व "फ़ौक़ानिया" परीक्षाओं को शासनादेश संख्या 1126/52-3-2003-11 (4)/2003 दिनांक 22.11.2003 के अंतर्गत मान्यता प्रदान की है । ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा भेजे गए प्रस्तावों पर मान्यता प्रदान करने हेतु नामित समिति निर्णय लेती है तथा प्रमाण पत्र ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा निर्गत किया जाता है ।
राज्य मदरसा शिक्षा परिषद की स्थापना एक नए अधिनियम के अंतर्गत की गई है । यह अधिनियम राज्य मदरसा शिक्षा अधिनियम, 2004 कहलाता है । इस अधिनियम के अंतर्गत अन्य संबन्धित कार्यप्रणाली को भी देखा जाता है । राज्य मदरसा शिक्षा परिषद, 2009 एक नया अधिनियम है जिसकी अधिनियम संख्या 29 है । सभी कार्यप्रणाली इसी अधिनियम के अन्तर्गत की जा रही है ।